राव शफात अली /देहरादून/
उत्तराखंड के युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए राज्य सरकार तो अपने स्तर से हर प्रयास में जुटी है राज्य को आगामी वर्षों में ड्रग्स फ़्री स्टेट बनाने के लिए धामी सरकार अपने लक्ष्य पर काम कर रही है
लेकिन इन सबसे अलग उत्तराखंड के एक युवा एडवोकेट ललित जोशी राज्य के नौ जवानों को नशे से दूर रखने के लिए बड़े पैमाने पर एक मुहिम चलाए हुए हैं
ललित जोशी देहरादून स्थित बेहद प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान CIMS के चेयरमैन है अपने शिक्षण संस्थान CIMS कॉलेज के ज़रिए वह ग़रीब बेसहारा बच्चों को मुफ़्त में उच्च शिक्षा भी देते हैं
इस वक़्त इनके संस्थान में सैकड़ों की तादाद में आर्थिक स्थिति से कमज़ोर छात्र छात्राएँ मुफ़्त में उच्च शिक्षा ग्रहण कररहे हैं
इसके साथ ही बहुत लंबे समय से उत्तराखंड में बढ़ रही नशे की प्रवृति को ख़त्म करने के लिए ललित जोशी हमेशाचिंतित रहते हैं
जिसके चलते कई वर्षों पहले उन्होंने एक बीड़ा उठाया और राज्य को नशे से दूर रखने के लिए बेहद महत्वपूर्ण “नशे को ना ..ज़िंदगी को हां” मुहिम शुरू की थी
यह काम बेहद मुश्किल था लेकिन अपने जज्बे,जोश और जुनून के साथ ललित जोशी इस मुहिम को अकेले लेकर चल पड़े थे फिर धीरे धीरे उनका ये क़ाफ़िला बढ़ता रहा रहा
आज प्रदेश के हज़ारों स्कूलों में लाखों बच्चों को नशे के प्रति जागरूक कर चुके ललित जोशी स्कूलों में या अलग अलग कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को नशे के खतरों से आगाह करते हैं
आज उत्तराखंड का यह युवा प्रदेश के युवाओं के लिए रोल मॉडल की तरह हैं
सामाजिक सरोकार से जुड़े आयोजन में ललित जोशी अपने वक्तव्य के माध्यम से युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करते हैं
यही नहीं उत्तराखंड की सियासत में कभी युवा नेता के तौर पर ललित जोशी का डंका बजा करता था
लेकिन ललित को लगा कि वो राजनीति में व्यस्त होने के चलते अपनी मुहिम से दूर होते जा रहे हैं लिहाज़ा उन्होंने कई वर्ष पहले राजनीति से इस्तीफ़ा दे दिया ललित जोशी बेहद सरल और निष्पक्ष तरीक़े का व्यक्तित्व रखते हैं शायद राजनीति से इस्तीफ़ा देने की उनकी यह भी वजह रही होगी बाहराल राजनीति को अलविदा कहने की बाद वह पूरी तरह से अपने शिक्षण संस्थान को बेहतर बनाने के साथ साथ युवाओं को नशे की लत से दूर रखने के लिए अपने स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने लगे,
आज उनकी मुहिम का परिणाम यह है कि उत्तराखंड के लाखों युवा ललित जोशी से प्रभावित होकर नशे की प्रवृति को छोड़ चुके हैं और मुख्यधारा में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं
इस उपलब्धि के लिए ललित जोशी को समय समय पर सरकारी ग़ैर सरकारी संस्थान और प्रतिष्ठानों में सम्मान से भी नवाज़ा जाता है
सब उम्मीद करते हैं कि एडवोकेट ललित जोशी की राज्य को नशा मुक्त करने की मुहिम
“नशे को ना ज़िंदगी को हाँ” एक दिन बड़ा रंग लाएगी ।
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