मैक्स अस्पताल देहरादून ने 51 वर्षीय मरीज से जटिल किडनी ट्यूमर निकाला

देहरादून: मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, देहरादून के डॉक्टरों ने देहरादून के 51 वर्षीय मरीज, मनोहर सिसोदिया के दाहिने किडनी से जटिल किडनी ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाला। यह सर्जरी रोबोटिक-असिस्टेड पार्टियल नेफ्रेक्टॉमी (RAPN) तकनीक का उपयोग करके की गई, जो एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है।

यह सर्जरी डॉ. दीपक गर्ग, वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट ,मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, देहरादून ने अपनी टीम के साथ मिलकर सफलतापूर्वक की है।

51 वर्षीय मनोहर सिसोदिया दायीं किड़नी में ट्यूमर की शिकायत लेकर मैक्स सुपर स्पेश्यलिटी हॉस्पिटल देहरादून आए थे, मरीज अन्य अस्पतालों से जांच करवा के आये, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें किड़नी निकालने की सलाह दी। जब मैक्स हॉ़स्पिटल में उनकी जांच हुई तो पता चला कि मरीज की बायीं किड़नी पहले से ही खराब थी, उसका साइज भी कम था और सिर्फ 20 से 22 प्रतिशत ही काम कर रही थी, इसलिए यदि दायीं किड़नी को भी निकाल देते तो मरीज को जिन्दगीभर डायलिसिस करवाना पड़ता और इससे उसे बाकी स्वास्थ्य परेशानियां भी हो सकती थी।

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डॉ. दीपक गर्ग ने जांच करने के बाद रोबोटिक की मदद से सिर्फ ट्यूमर वाला हिस्सा ही निकालने का फैसला किया। यह बहुत ही पेचीदा सर्जरी थी। इसे ओपन या लेप्रोस्पिक विधि से नहीं किया जा सकता था, रोबोटिक की मदद से यह सर्जरी सफलतापूर्वक हुई और किड़नी बच गई।

डॉ. दीपक गर्ग, वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट ,मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, देहरादून ने बताया कि “रीनल सेल कार्सिनोमा लगभग 90 प्रतिशत किड़नी के कैंसर का कारण बनता है। यह किड़नी के भीतर छोटी नालिकाओं की लाइनिंग से उत्पन्न होता है, जो खून को फिल्टर करती है और यूरीन बनाती है। उन्होंने बताया कि पहले ट्यूमर के आकार बढ़ने पर किडनी को पूरी तरह से हटाने (नेफ्रेक्टॉमी) की आवश्यकता पड़ती थी, लेकिन अब हाईटेक टेक्नोलॉजी की मदद से इस तरह की जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक की जा सकती है।”

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मरीज मनोहर सिसोदिया के केस के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि, “उनकी बायीं किडनी बहुत कम काम कर रही थी, और यदि उनकी दाहिनी किडनी (जिसमें ट्यूमर था) को पूरी तरह से हटा दिया जाता, तो उन्हें डायलिसिस पर निर्भर होना पड़ता। मामले की गंभीरता को देखते हुए, मरीज ने रोबोटिक-असिस्टेड पार्टियल नेफ्रेक्टॉमी (RAPN), एक न्यूनतम इनवेंसिव सर्जिकल प्रक्रिया को किडनी कैंसर के इलाज के लिए चुना। इस जटिल सर्जरी के परिणामस्वरूप, मरीज को पांच दिनों में अस्पताल से छुट्टी मिल गई और अब और अब वह समय – समय पर रूटीन चेकअप कराने आते रहते हैं।”

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डॉ संदीप सिंह तंवर- सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ऑपरेशंस और यूनिट हेड ने कहा कि “मैक्स अस्पताल मरीजों को उच्च कोटि की तकनीक और गुणवत्तापरक उपचार देने के लिए प्रतिबद्ध है, हम देहरादून में ऐसी कई जटिल सर्जरी कर रहे हैं, जिसके लिए पहले लोगों को दिल्ली या किसी बड़े शहर जाना पड़ता था, हमारे पास दा विंची एक्स सर्जिकल रोबोट है, जो भारत में सबसे उन्नत तकनीकों में से एक है और इस उन्नत तकनीक के साथ सर्जन न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी कर सकते हैं और इससे छोटे चीरे लगाए जाते हैं, इसलिए कम खून बहता है और मरीज को अस्पताल में कम समय के लिए रहना पड़ता है और तेजी से रिकवरी भी होती है।”

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