14 जून 2024 / राव शफात /
उत्तराखंड में दो विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में BJP को बड़ा झटका लगा है बड़े बड़े दिग्गज अपनी साख बचाने में क़ामयाब नहीं हो पाए मंगलौर विधानसभा उप चुनाव में जिस तरह का मुक़ाबला था नतीजे भाजपा के अनुरूप नहीं आए भाजपा प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना को भाजपा ने पूरे दमख़म के साथ चुनाव लड़वाया लेकिन हार का सामना करना पड़ा ,
यही हाल बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर देखने को मिला जहाँ राजेंद्र भंडारी भी भाजपा के मज़बूत प्रत्याशी होने के बाद अपने चुनावी इज़्ज़त नहीं बचा पाए ,
इन दोनों सीटों पर हारने के पीछे बड़े बड़े दिग्गजों की साख भी ख़राब हुई
उप चुनाव अग्निपरीक्षा में महेंद्र भट्ट फ़ेल साबित
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट पार्टी में प्रदेश के सबसे रसूखदार प्रदेश अध्यक्ष पद का स्वाद लंबे समय से चख रहें हैं
जबकि महेंद्र भट्ट 2022 के विधानसभा चुनाव में हार कर हाशिये पर पहुँच गये थे लेकिन भाजपा ने हारे हुए भट्ट को भी प्रदेश का पार्टी अध्यक्ष बनाकर बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी थी
लेकिन भट्ट के कार्यकाल में बहुत ज़्यादा उपलब्धियों का ज़िक्र नहीं किया जा सकता ,
अगर लोकसभा चुनाव 2024 की बात करें तो यह चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा गया था के जिसमें उत्तराखंड की 5 लोक सभा की सीटें भाजपा के खाते में गई थी महेंद्र भट्ट की सबसे बड़ी परीक्षा इस उपचुनाव में होनी थी हालाँकि भट्ट राज्य सभा सांसद भी चुने जा चुके हैं
लेकिन इस उपचुनाव में मंगलौर और बद्रीनाथ विधानसभा को जिताना भी महेंद्र भट्ट के कंधों पर था लेकिन महेंद्र भट्ट प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर पूरी तरह से फ़ेल साबित हुए
पार्टी के उत्तराखंड में प्रदेशाध्यक्ष की ज़िम्मेदारी संभाल रहे महेन्द्र भट्ट भी इन दोनो विधानसभाओं को नहीं जीता पाए इस हार से बड़े बड़े दिग्गजों की साख पर बट्टा लगा है
यह दिग्गज भी कमाल नहीं कर पाए !
ग़ौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 में हरिद्वार सीट से त्रिवेंद्र सिंह सिंह रावत सांसद चुने गए थे हरिद्वार संसदीय सीट में ही मंगलौर विधानसभा सीट पड़ती है लेकिन हालिया सांसद चुने गए त्रिवेंद्र सिंह रावत भी अपने संसदीय क्षेत्र में पड़ने वाली विधानसभा को जिता नहीं पाए ,
सबसे बड़ा सवाल बद्रीनाथ सीट पर भी उठ रहा है कि आख़िर यहाँ भी बीजेपी अपनी साख को नहीं बचा पाई
जबकि पौड़ी संसदीय क्षेत्र में बद्रीनाथ विधानसभा पड़ती है और पौड़ी संसदीय क्षेत्र से अनिल बलूनी ने हालिया लोकसभा में अपनी जीत को दर्ज कराया था बलूनी के संसदीय क्षेत्र में पड़ने बाली बद्रीनाथ सीट पर भाजपा प्रत्याशी को करारी हार का सामना करना पड़ा,इससे अनिल बलूनी की राजनीतिक साख़ का अंदाज़ा लगाया जा सकता है
हालाँकि इस उपचुनाव में मिली जीत से कांग्रेसी खेमे हुए उत्साह है और अब कांग्रेस की नज़र 2027 के विधानसभा चुनाव पर टिकी हैं लेकिन कांग्रेस की राजनीतिक कश्ती भी बीच बीच में डांवाडोल हो जाती है बग़ावत के चलते कांग्रेस को बड़ा नुक़सान उठाना पड़ता है अब सवाल यह है कि क्या कांग्रेस 2027 तक इस मज़बूती को बरकरार रख पाएगी |
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