क्या अंधविश्वास में एक मां ने अपने बच्चे को गंगा में डूबा डूबा कर मार डाला ! FB पर लिखी पत्रकार किरण कांत शर्मा की पोस्ट किसी का जीवन बचा सकती हैं ।

ब्यूरो रिपोर्ट / देहरादून/

वरिष्ठ पत्रकार किरण कांत शर्मा ने अपनी फ़ेसबुक पर सत्य घटना पर आधारित दर्दनाक हकीकत बयान की वो दर्शाती है की कैसे अंधविश्वास दिमाग़ को क्षीण कर ज़िन्दगी पर भी भारी पड़ जाता है

पत्रकार किरण ने जो कुछ लिखा वह पढ़ना और समझना इसलिए जरूरी है ताकि किसी और का जीवन बच सके …. वह  FB पर लिखतें हैं

 

अंधविश्वास सब कुछ बर्बाद कर देता है …

आज एक खबर हरकीपौड़ी से आई जहां एक मां ने अपने बेटे उम्र 5 साल को अंधविश्वास के चलते पहले तो हरिद्वार के गंगा घाट पर लाई और उसके बाद गंगा में तब तक उस मासूम को डुबकी लगवाती या ये कहें डुबोती रही जब तक उसने दम नही तोड़ दिया.किसी तांत्रिक या धर्म के जानकर के कहने पर एक मां ने ऐसा किया होगा ऐसा लगता है और क्योंकि दिल्ली से आएं इस परिवार की माने तो बेटे को कैंसर था और डाक्टर ने उसकी हालत सीरियस बताई थी.जिसके बाद वो हॉस्पिटल से सीधे बच्चे को कड़कड़ाती ठंड में हरकी पौड़ी ले आए और अधिक तबियत खराब होने की वजह से उसे गंगा स्नान करवाने की बात की और उसे जब तक स्नान करवाया जब तक उसकी मृत्यु नही हो गई… बाद में फर्श पर पड़े बेटे के शव के सामने मां चीख चीख कर कह रही थी की उसे विश्वास है गंगा जी उसके बेटे को अभी खड़ा कर देंगी……. उफ्फ दुखद

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कई अंधविश्वासी धार्मिक स्थलों पर आत्महत्या इस लिए कर लेते है ताकि उनको मोक्ष मिल जायेगा ऐसा उनको लगता है और ऐसे कई मामले समय समय पर सामने आते रहते है….

खैर दूसरी घटना दो दिन पूर्व राम लीला के मंचन के वक्त की है जब हनुमान जी का अभिनय कर रहे व्यक्ति मूर्छित होकर गिर गए सब को समझ में आ गया की वो बेहोश है लेकिन मोबाइल चलते रहे वो बेहोश रहे और लोग नारे लगाते रहे.अच्छा होता उन्हे समय से हॉस्पिटल पहुंचा दिया जाता तो शायद वो बच जाते.

तीसरी घटना फेसबुक पर ही लगातार देख रहा हूं की एक फोटोग्राफर को रोते हुए दिखाया जा रहा है की वो धार्मिक आयोजन की भव्यता कवर करते हुए रो गए.जबकि हकीकत यही है की वो फोटो कुछ वर्ष पुरानी है और वो अपनी फुटबॉल टीम को हारता देख रो गया था. लेकिन कुछ मीडिया हाउस या लोगो ने उसे अलग तरीके से प्रचारित किया और कुछ अंधविश्वासी लोगो ने उस पर भी आंख बंद करके विश्वास किया……

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हैरानी ये है की तांत्रिक की सलाह हो या सांप के काटने के बाद मृत शरीर को गोबर से लेप करना गंगा में बीमार बच्चे को डुबकी लगाना हो या अन्य अंधविश्वास इन सब से कोई लौट कर नहीं आया पर लोग फिर भी आंखे बंद कर कल फिर ऐसा कुछ करेंगे…..