देहरादून /राव शफात अली/
उत्तराखंड की धामी सरकार ने राज्य का बजट पेश किया 89, हज़ार करोड़ रुपये के इस बजट को भाजपा समावेशी बजट बता रही है साथ ही इस बजट में दावा किया जा रहा है कि हर वर्ग का ख्याल रखा गया है लेकिन दूसरी तरफ़ विपक्ष ने इस बजट को महज़ आंकड़ों की बाज़ीगरी क़रार दे दिया है
”आज के बजट का नाम, आंकड़ों की बाजीगरी को सलाम” बजट में बजट और दिशा का अभाव है – यशपाल आर्य
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज का बजट एक असफल सरकार का बजट है। जिसने हर वर्ग को निराश किया। बजट से साफ हो गया है कि, भाजपा की डबल इंजन सरकार में प्रति व्यक्ति आय और विकास की मंजिल केवल मिथ्या प्रचार और जुमलेबाजी है। इसे केवल मानक नारों और प्रेमी शीर्षकों से अपनाया गया है।
आर्य ने कहा कि ऐसा अनोखा होता है कि सरकारी घोटालों को विकास, रिकॉर्ड ज़ूडो बेरोज़गारी को विकास, क्रिस्टल को अपराध, नशाखोरी और ज़ुल्म को उथल-पुथल और चरमरायी स्वास्थ्य सुविधाओं को हासिल करना चल रहा है।
किसान, श्रमिक, कर्मचारी, प्रधान मंत्री, शोषित, दलित सहित हर वर्ग पर अत्याचार और स्वार्थ करने के लिए भाजपा ने समृद्धि का मार्ग अपनाया है। लेकिन नागरिक, निजी और मानवीय विवेक का मानना है कि ये विनाश का रास्ता है, समृद्धि का नहीं।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की दृष्टि से जनता को उम्मीद थी कि बजट में कम से कम कुछ की घोषणा की जाएगी। लोगों को आशा थी कि इस बार बेरोजगारी, बेतहाशा टैक्स और आर्थिक मंदी से कुछ राहत मिलेगी। पर कुछ हाथ नहीं लगा।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को लगतिमान जैसे शब्द तक सीमित रहे। इसमें आज की समस्याओं का समाधान और भविष्य के किसी भी निर्णय को आगे बढ़ाने का कोई
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